“इस रविवार आपके द्वार” कार्यक्रम एवं ट्रस्ट की वेबसाइट का अनावरण

प्रज्ञा हिन्दी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट के द्वारा सुकवि मथुरा प्रसाद “मानव” के पुत्र हर्ष वर्धन “सुधांशु” के निर्देशन में साहित्यिक श्राद्ध के रूप में एक महनीय प्रकल्प “इस रविवार आपके द्वार” कार्यक्रम का प्रारम्भ 28 जून २०२० (रविवार) को फिरोजाबाद के प्रथम कवि जैन मुनि ब्रह्म गुलाल के द्वार चंद्रवाड़ से किया गया। सर्वप्रथम सभी ग्रामवासी विद्यार्थियों को भौतिक दूरी बनाए रखने के साथ ही मास्क लगाकर बिठाया तथा ट्रस्ट के प्रबंधक-सचिव कृष्ण कुमार “कनक” ने मुनि ब्रह्मगुलाल के जीवन तथा साहित्यिक सेवाओं से सभी को अवगत कराया। उपाध्यक्ष प्रवीन कुमार पाण्ड़ेय “प्रज्ञार्थू” को दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चंद्रवाड़ मंदिर के महंत पंकज जैन ने जन श्रुति के अनुसार बताया कि मुनिब्रह्म गुलाल नगला गुलाल में जन्मे थे।

सचिव गौरव गाफिल ने प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश जैन के निर्देशन में डॉ. मक्खन लाल पाराशर द्वारा लिखित पुस्तक “मुनि ब्रह्म गुलाल” के अनुसार बताया कि टापा में जन्मे ब्रह्म गुलाल चंद्रवाड़ के राजा चंद्र कीर्ति के दरबार में रहते थे। वे स्वाँग करने में माहिर थे।एक षड्यंत्र के तहत शेर का स्वाँग करते समय उनसे राजकुमार की हत्या हो गयी किन्तु राजा वचनबद्ध थे, अतः ब्रह्म गुलाल से कुछ न कहा परन्तु अपने एक मात्र पुत्र को खोकर दुःख में डूब गए। तब ब्रह्म गुलाल ने राजा को समझाने के लिए जैन मुनि का स्वाँग किया और सदैव के लिए मुनि हो गए।

वे तुलसी के समकालीन थे, उन्होंने ब्रज भाषा में त्रेपन क्रिया,कृपण जगावन चरित,समोसरण,महिला महिमा, मथुरा वाद पचीसी,विवेक चौपाई,हिन्दी अष्टक तथा जल गालन विधि नामक आठ कृतियों की रचना की। जिन विद्यार्थियों ने मुनि से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए उन्हें उपाध्यक्ष ऋतेश मुकेश “सुमन” ने उपहार प्रदान किए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुधीर शर्मा तथा प्रबंध सलाहकार पूरन चंद्र गुप्ता ने ट्रस्ट की वेबसाइट का विधिवत शुभारंभ किया।

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