साहित्यिक-श्राद्ध

आइये विस्तार से जानें 

एक परिचय

सुमधुर कवि मथुरा प्रसाद मानव जी के अति साहित्यानुरागी पुत्र श्री हर्षवर्धन”सुधांशु” जी के निर्देशन में इस रविवार आपके द्वार कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है….पद्म विभूषण दादा बनारसीदास चतुर्वेदी अपने पुराने साहित्यकारों के संस्मरण को साहित्यिक – श्राद्ध कहते थे…। प्रज्ञा हिन्दी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट द्वारा साहित्यिक-श्राद्ध करने का संकल्प लिया गया है जिसके अंतर्गत इस रविवार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जाता है। जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारी जन्म काल के क्रम में रविवार के दिन जनपद में जन्मे साहित्यकारों के जन्म स्थान पर जाते हैं और वहाँ के निवासियों तथा मुख्य रूप से विद्यार्थियों से उस साहित्यकार के विषय में प्रश्न करते हैं यदि विद्यार्थियों द्वारा सही उत्तर दिए जाते हैं तो उन्हें सम्मानित किया जाता है और यदि नहीं बता पाते तो पदाधिकारी स्वयं उन प्रश्नों के उत्तर देते हैं…।

इस रविवार आपके द्वार

सुमधुर कवि मथुरा प्रसाद मानव जी के अति साहित्यानुरागी पुत्र श्री हर्षवर्धन”सुधांशु” जी के निर्देशन में इस रविवार आपके द्वार कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है….पद्म विभूषण दादा बनारसीदास चतुर्वेदी अपने पुराने साहित्यकारों के संस्मरण को साहित्यिक – श्राद्ध कहते थे…। प्रज्ञा हिन्दी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट द्वारा साहित्यिक-श्राद्ध करने का संकल्प लिया गया है जिसके अंतर्गत इस रविवार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जाता है। जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारी जन्म काल के क्रम में रविवार के दिन जनपद में जन्मे साहित्यकारों के जन्म स्थान पर जाते हैं और वहाँ के निवासियों तथा मुख्य रूप से विद्यार्थियों से उस साहित्यकार के विषय में प्रश्न करते हैं यदि विद्यार्थियों द्वारा सही उत्तर दिए जाते हैं तो उन्हें सम्मानित किया जाता है और यदि नहीं बता पाते तो पदाधिकारी स्वयं उन प्रश्नों के उत्तर देते हैं…। इस प्रकार उक्त साहित्यकार से उसके जन्म स्थान निवासियों का परिचय कराया जाता है…तथा प्रश्न व उत्तर दोनों को एक फाइल में सुरक्षित कर लिया जाता है।
आगामी योजना- धीरे धीरे जब सभी साहित्यकारों के जन्म स्थान का भ्रमण पूरा हो जाएगा तब एकत्रित किए गए प्रश्नों को एक पुस्तकाकृति में प्रकाशित कराया जाएगा….। तत्पश्चात कक्षा नौ से बारहवीं के छात्रों की फिरोजाबाद के साहित्य को जानो प्रतियोगिता कराई जाएगी जिसके सभी प्रश्न हमारी पुस्तक से ही होंगे। प्रतियोगिता दो चरणों में होगी…।
प्रथम चरण लिखित प्रतियोगिता यह प्रतियोगिता अलग अलग विद्यालयों में एक ही तिथि पर लिखित रूप म़े कराई जाएगी जिसमें प्रत्येक विद्यालय से दो विद्यार्थियों को विजेता घोषित किया जाएगा जिन्हें द्वितीय चरण में प्रतिभागिता करनी होगी। पहले चरण मे लिखित रूप में पूछे गए सभी प्रश्न हमारी पुस्तक से ही होंगे।
द्वितीय चरण मौखिक प्रश्नोत्तरी- प्रथम चरण के विजेता एक टीम के रूप में मौखिक प्रश्नोत्तरी में भाग लेंगे यहाँ 80% प्रश्न हमारी पुस्तक और 20% प्रश्न सम्पूर्ण साहित्य जगत से हो सकते हैं। मौखिक प्रश्नोत्तरी में जीतने वालों को विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे।

नोट- इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य फिरोजाबाद जनपद की नई पीढ़ी को अपने जनपद के गौरवशाली साहित्यिक अतीत से जोड़ना है।

फ़िरोज़ाबाद साहित्य के गौरव

muni brahm gulal pragyahinditrust
मुनि ब्रह्म गुलाल

१६००-१७०० शताब्दी के मध्य

kavi bodha pragyahinditrust
बुद्ध राज "बोधा"

रीतिकाल १७६७-१८०६ 

sridhar pathak pragyahinditrust
श्रीधर पाठक

द्विवेदी युग १८६० – १९२८

sriram sharma pragyahinditrust
श्रीराम शर्मा

आधुनिक युग १८९२-१९६७ 

pt BanarasiDas Chaturvedi pragyahinditrust
बनारसी दास चतुर्वेदी

आधुनिक युग १८९२-१९८५ 

ratan lal bansal pragyahinditrust
रतन लाल बंसल

आधुनिक युग १९१९ – १९८९ 

mathura prasad manav pragyahinditrust
मथुरा प्रसाद मानव

आधुनिक युग १९१९ – २००५

mohan yadav pragyahinditrust
सुकवि मोहन यादव

आधुनिक युग १९१३-१९८९ 

makkhan lal parashar pragyahinditrust
डॉ. मक्खनलाल पाराशर

आधुनिक युग १९२६-२०१६