एक नज़र
प्रज्ञा हिंदी
सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट
प्रज्ञा एक विचार नहीं, एक संकल्प है,
फ़िरोज़ाबाद के हिंदी साहित्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का।
क्यों, कब, कैसे, कहाँ ????
प्रज्ञा हिन्दी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट कृष्ण कुमार “कनक” की सोच एवं परिश्रम का परिणाम है . वर्ष 2012 के आस-पास का समय था, फिरोजाबाद नगर का साहित्य दो धड़ों में विभाजित था। एक ओर पढ़े-लिखे रौबदार लोग और एक ओर आर्थिक रूप से कमजोर साहित्यकार। विडम्बना यह कि नवांकुर उचित मार्दशन और अवसरों से वंचित थे ऐसे में कृष्ण कुमार “कनक” और उनके साहित्यिक मित्र गौरव गाफिल ने फ़िरोज़ाबाद जनपद के साहित्यकारों को एक वट वृक्ष के नीचे लाने और नवांकुरों को सही मार्गदर्शन देने के उद्देश्य को मद्देनज़र रखते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामसनेही लाल शर्मा “यायावर” जी से चर्चा की और उनके निर्देशन में प्रज्ञा मासिक काव्य-गोष्ठी प्रारम्भ हुई जिसके लगभग सभी कार्यक्रम गौरव गाफिल द्वारा संचालित सुहाग नगर स्थित उनके विद्यालय ग्रीन वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में संपन्न हुए।
इस मासिक गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य साहित्यिक समरसता लाना तथा कम खर्चे में साहित्यिक गतिविधियों को संचालित करके एक सकारात्मक वातावरण तैयार करना था। कुछ समय पश्चात विषम परिस्थितियों में यह क्रम बाधित हो गया…। इस बीच डॉ. शारदा प्रसाद सुमन, डॉ. मक्खन लाल पाराशर तथा आचार्य राकेश बाबू “ताविश” जैसे मर्मज्ञ एवं साहित्य को समर्पित साहित्यकारों के दिवंगत हो जाने पर साहित्यिक गतिविधियाँ शिथिल पड़ गयीं ऐसे में एक बार फिर कृष्ण कुमार “कनक” गौरव गाफिल के साथ यायावर जी से मिले तब दिसम्बर 2016 में एक बार पुनः प्रज्ञा मासिक-गोष्ठी का पुनर्जागरण हुआ और फरवरी 2018 में नगर के जाने माने युवा सामाजिक कार्यकर्ता तथा समाज सेवी अभिषेक मित्तल जी के सहयोग से प्रज्ञा मासिक काव्य गोष्ठी को प्रज्ञा हिन्दी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत करा लिया गया जिसके सभी नियम तथा निर्देशों का निर्धारण कृष्ण कुमार कनक तथा गौरव गाफिल ने किया।
ट्रस्ट के उद्देश्यों का निर्माण करते हुए तय किया गया कि ट्रस्ट द्वारा जनपद के दिवंगत एवं वर्तमान साहित्यकारों तथा उनके साहित्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु कार्य किया जाएगा। यद्दपि ट्रस्ट के अपने स्थाई कार्यक्रम तो होंगे ही किन्तु जो कार्यक्रम नगर की अन्य साहित्यिक संस्थाओं द्वारा कराए जाएँगे ट्रस्ट उनमें ही अपना सहयोग प्रदान करेगा न कि उसी कार्यक्रम को अपने बैनर तले कराकर मतभेद जैसी स्थिति को जन्म देगा।
आज भी ट्रस्ट अपने इन्हीं सिद्धांतों पर कार्य कर रहा है समय के साथ नगर के अनेक साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों ने ट्रस्ट को मजबूती प्रदान की है.
क्या-क्या ???
ट्रस्ट के उद्देश्य
1. मासिक गोष्ठी के माध्यम से रचना-धर्मिता को सुचारू रखना।
2. साहित्यिक कार्यशाला के माध्यम से ज्ञानार्जन।
3. हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार।
4. साहित्य संवर्धन, भाषा विकास आदि के लिए कार्य।
5. हिन्दी विद्यार्थियों का प्रोत्साहन।
6. फिरोजाबाद जनपद के दिवंगत एवं वर्तमान साहित्यकारों को राष्ट्र स्तरीय पहचान दिलाना।
प्रमुख कार्यक्रम
1. राष्ट्र स्तरीय प्रज्ञा सम्मान समारोह ।
2. श्रेष्ठ हिन्दी विद्यार्थियों का सम्मान।
3. दिवंगत साहित्यकारों के अप्रकाशित साहित्य का प्रकाशन कराना।
4. मासिक काव्य-गोष्ठी एवं साहित्य सम्मेलनों का आयोजन।
5. हिन्दी भाषा को सहज एवं सुग्राह्य बनाने हेतु विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन।