पत्रांक:- अ16/क21/442
दिनांक- 01/07/2024
*विज्ञप्ति*
सातवे श्री मनोहर सिंह यादव स्मृति
सृजन श्री अलंकरण- 2025
हेतु आयोजित
‘सृजन परंपरा गीत की’ नामक
गीत सृजन प्रतियोगिता
*प्रथम-चरण*
*द्वितीय-माह:-* (जुलाई – 2024)
जुलाई माह का विषय:- *रिमझिम-रिमझिम मेघा बरसे*
गीत भेजने की अंतिम तिथि:- *20 जुलाई 2024*
मूल्यांकन समिति अध्यक्ष/मुख्य निर्णायक
*प्रो. अजिर बिहारी चौबे*
(मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष)
एस.आर.के. स्नातकोत्तर महाविद्यालय
फिरोजाबाद
*नोट:-*
1- गीत में दिए गए विषय *रिमझिम-रिमझिम मेघा बरसे* को आधार बनाकर गीत लिखा जाए अथवा गीत में ये शब्द अवश्य आएं।
2- अपनी प्रविष्टि में अपना नाम,पता (पिनकोड सहित) तथा वाट्सऐप नंबर अनिवार्य रूप से लिखकर केवल निम्नलिखित मेल आई. डी. पर ही प्रेषित करें।👇🏿
srajanshrialankaran@gmail.com
*विशेष निर्देश-* पूर्व में *सृजन श्री अलंकरण* से सम्मानित गीतकारों के अतिरिक्त कोई भी कवि / गीतकार इस माह की प्रतियोगिता में प्रतिभागिता कर सकता है इसके अतिरिक्त किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं है।
*पूर्व में सृजन श्री से अलंकृत गीतकार*
प्रथम *सृजन श्री अलंकरण* -2019
*श्रीमती अंकिता कुलश्रेष्ठ*, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
द्वितीय *सृजन श्री अलंकरण* – 2020
*श्री शिवराम “शान्ति”* , बाह,आगरा (उत्तर प्रदेश)
तृतीय *सृजन श्री अलंकरण* – 2021
*श्री सतीश मधुप* घिरोर, मेनपुरी (उत्तर प्रदेश)
चतुर्थ *सृजन श्री अलंकरण* -2022
*श्री कृतार्थ पाठक*, शहाबाद, हरदोई (उत्तर प्रदेश)
पंचम *सृजन श्री अलंकरण* -2023
*सुश्री श्रद्धा ‘शौर्य’* नागपुर (महाराष्ट्र)
षष्ठम् *सृजन श्री अलंकरण* – 2024
*प्रेम नाथ मिश्र ‘प्रेम’* गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
*प्रतियोगिता संबंधी विवरण:-*
१- 4 जून 2019 से सुमधुर कंठ के धनी लखनऊ निवासी कवि देवल आशीष की 6वीं पुण्यतिथि से प्रारम्भ *श्री हर्षवर्धन “सुधांशु” जी* द्वारा अपने पूज्य पिताश्री के नाम पर प्रतिवर्ष दिए जाने वाले *सुकवि मथुरा प्रसाद “मानव” स्मृति सृजन श्री अलंकरण* हेतु आयोजित ” *सृजन* परंपरा गीत की” प्रतियोगिता में पहले पाँच गीत आमंत्रित किए जाते थे तथा 2100₹ की राशि प्रदान की जाती थी।
२- 4 जून 2020 को कोरोना के कारण जूम ऐप पर हुई बैठक के बाद जो कुछ परिवर्तन हुए, वर्तमान में भी वही स्वीकार्य हैं।
३- सुधांशु जी ने चार वर्षों तक इस प्रतियोगिता को संचालित किया।
४- सुधांशु जी द्वारा अपने निजी कारणों से इस अलंकरण के प्रति असमर्थता दर्शाने के पश्चात से फिरोजाबाद जनपद की सुविख्यात शिक्षाविद् एवं समाज सेविका *श्रीमती नंदिनी यादव जी* ने अपने पिता *श्री मनोहर सिंह यादव जी* की पुण्य स्मृति में इस अलंकरण को सुचारू किया।
वर्तमान समय में इस प्रतियोगिता का स्वरूप एवं उसका विस्तृत परिचय इस प्रकार है ….
*नियम व शर्तें-*
यह प्रतियोगिता तीन चरणों में पूर्ण होती है।
*प्रथम चरण*
(१) प्रतियोगिता के प्रथम चरण का प्रारम्भ प्रतिवर्ष 4 जून से होता है।
(२) गीत सृजन हेतु प्रत्येक माह की 1 तारीख को एक विषय के रूप में कोई शब्द/चित्र/ऑडियो/वीडियो कुछ भी दिया जा सकता है, जिसे आधार बनाकर उसी माह की २० तारीख तक दिए गए विषय पर गीत प्रेषित करना होता है।
(३) २१ तारीख से प्राप्त रचनाओं का मूल्यांकन प्रारंभ होता है तथा परिणाम, माह की अंतिम तारीख को वाट्सएप, ट्रस्ट के फेसबुक पेज एवं ट्रस्ट की बेबसाइट पर घोषित किया जाता है, जिसमें उस माह के श्रेष्ठ तीन रचनाकारों के नामों की घोषणा की जाती है।
(४) प्रथम चरण १० माह ( यानी कि मार्च ) तक चलता है।
(५) प्रत्येक माह में विजेता रहे प्रथम , द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त रचनाकार प्रथम चरण के शेष महिनों में प्रतिभाग नहीं करते अपितु सीधे द्वितीय चरण में प्रतिभागिता करते हैं।
*द्वितीय चरण*
(१) द्वितीय चरण अप्रैल माह में आयोजित होता है, जिसमें प्रथम चरण के १० महिनों के विजेता ही प्रतिभाग करते हैं।
(२) द्वितीय चरण में अधिकतम ११ रचनाकार द्वितीय चरण के विजेता के रूप में चयनित किए जाते हैं जिन्हें तृतीय (अंतिम) चरण में भाग लेना होता है।
*तृतीय चरण*
(१) यह प्रतियोगिता का अंतिम चरण है, जोकि मई माह में संपन्न होता है; जिसमें द्वितीय चरण में विजेता रहे ११ प्रतिभागी ही प्रतिभाग करते हैं।
(२) इस चरण में प्रथम स्थान प्राप्त रचनाकार को ट्रस्ट द्वारा आयोजित *राष्ट्र स्तरीय प्रज्ञा सम्मान समारोह* में रु ११०००/- की धनराशि, *सृजन श्री अलंकरण-पत्र* , श्रीफल,माला, स्मृतिचिह्न, उत्तरीय आदि प्रदान कर सम्मानित किया जाता है।
(३) द्वितीय स्थान पर रहे रचनाकार को प्रथम उप-विजेता के रूप में *पं. मुरारीलाल शर्मा स्मृति द्वितीय पुरस्कार* ₹२५०० तथा अन्य सामग्री प्रदान कर सम्मानित किया जाता है।
(४) तृतीय स्थान पर रहे रचनाकार को द्वितीय उप-विजेता के रूप में *मास्टर श्रीपति लाल राठौर स्मृति तृतीय पुरस्कार* ₹ २१०० तथा अन्य सामग्री प्रदान कर सम्मानित किया जाता है।
५- तृतीय चरण के शेष सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में *श्री कोमल सिंह जादौन* स्मृति सांत्वना सम्मान-पत्र डाक द्वारा प्रेषित किए जाते हैं।
*विशेष-*
1- *’सृजन श्री अलंकरण’* प्राप्त रचनाकार पुनः इसी प्रतियोगिता में प्रतिभाग नहीं कर सकते और न ट्रस्ट द्वारा दिए जाने वाले ऐसे किसी सम्मान के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसकी धनराशि *सृजन श्री अलंकरण* की धन राशि से कम हो।
2- उपर्युक्त प्रतियोगिता में किसी भी प्रकार का आयु बंधन नहीं है।
3- प्रतियोगिता में दिए गए विषय पर केवल गीत/नवगीत ही स्वीकार्य हैं।
4- एक रचनाकार द्वारा दिए गए विषय पर केवल एक ही गीत स्वीकार्य है।
……………………………………………… धन्यवाद।
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*प्रेषक*
*कृष्ण कुमार “कनक”*
प्रबंध-सचिव/संस्थापक
प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट
मो. 7017646795
*गौरव चौहान गर्वित*
मुख्य सचिव/संस्थापक
मो.9412500858
*प्रवीण कुमार पाण्डेय ‘प्रज्ञार्थू’*
प्रतियोगिता प्रभारी/ ट्रस्ट उपाध्यक्ष
मो. 8218725186
*कुँ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह जादौन*
उपनिदेशक- साहित्य
मो. 9897807132
*आकाश यादव*
मुख्य व्यवस्थापक
मो. 8791937688
*अभिषेक मित्तल “क्रांति”*
संस्थापक अध्यक्ष
मो. 8193950555
*यशपाल यश*
वर्तमान अध्यक्ष
मो.9837812637
*सचिन कुमार बघेल*
ट्रस्ट कोषाध्यक्ष
मो. 8077069829