‘सृजन श्री अलंकरण’ प्रथम चरण – सप्तम् माह

प्रथम चरण
सप्तम् माह:- (दिसंबर 2020)
दिसम्बर माह का विषय:- आँसू आँसू रहा वर्ष ये आशा है नववर्ष हर्ष हो
नोट:- गीत में कहीं न कहीं 👆🏿 इस पंक्ति का आना अनिवार्य है।
गीत भेजने की अंतिम तिथि:- 20 दिसंबर 2020

अपनी प्रविष्टि नाम,पता,पिनकोड तथा मोबाइल नंबर सहित केवल निम्नलिखित मेल आई डी पर ही प्रेषित करें।👇🏿

srajanshrialankaran@gmail.com

नोट- प्रथम, द्वितीय,तृतीय, चतुर्थ, पंचम् एवं छठे माह के सभी विजेताओं के अतिरिक्त कोई भी महानुभाव इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकते हैं।

साथियो,
जय हिन्द, जय हिन्दी

04 जून 2020 को सुमधुर कण्ठ के धनी अदब की नगरी लखनऊ में जन्मे देश के सुप्रसिद्ध गीतकार देवल आशीष की पुण्य-तिथि से प्रारम्भ

प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट, फ़िरोज़ाबाद
द्वारा आयोजित
सृजन- परम्परा गीत की
सुमधुर कवि स्व० श्री मथुरा प्रसाद “मानव” की स्मृति में दिए जाने वाले गीत विधा को समर्पित “सृजन श्री अलंकरण” सम्मान हेतु आयोजित गीत सृजन प्रतियोगिता का परिचय निम्नवत है।

नियम व शर्तें-
प्रतियोगिता तीन चरणों मे पूर्ण होगी।
प्रथम चरण
(१) प्रारम्भ जून माह से होगा।
(२) गीत सृजन हेतु प्रत्येक माह की 1 तारीख को एक विषय/चित्र/ऑडियो/वीडियो दिया जा जा सकता है, जिसे आधार बनाकर उसी माह की २० तारीख तक दिए गए विषय पर गीत प्रेषित करना होता है।
(३) २१ तारीख से प्राप्त रचनाओं का मूल्यांकन प्रारंभ होता है तथा परिणाम, माह की अंतिम तारीख को ट्रस्ट के फेसबुक पेज एवं ट्रस्ट की बेबसाइट पर घोषित किया जाता है, जिसमें उस माह के श्रेष्ठ तीन रचनाकारों के नाम की घोषणा की जाती है।
(४) प्रथम चरण १० माह ( मार्च ) तक चलेगा।
(५) प्रत्येक माह में विजेता रहे रचनाकार सीधे द्वितीय चरण में प्रतिभाग कर सकेंगे।

द्वितीय चरण
(१) द्वितीय चरण अप्रैल माह में आयोजित होगा, जिसमें पिछले १० माह के विजेता ही प्रतिभाग कर सकेंगे।
(२) द्वितीय चरण में १० रचनाकार चयनित किये जायेंगे जो कि तृतीय चरण में प्रतिभाग कर सकेंगे।

तृतीय चरण
(१) यह प्रतियोगिता का अंतिम चरण है, जिसमें द्वितीय चरण के विजेता रहे १० प्रतिभागी ही प्रतिभाग कर सकेंगे।
(२) इस चरण में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेता का चयन किया जायेगा, जिसमें प्रथम स्थान प्राप्त रचनाकार को ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्र स्तरीय प्रज्ञा सम्मान समारोह में रु ११०००/- की धनराशि सम्मान पत्र, श्रीफल, उत्तरीय आदि के साथ ही सृजन श्री अलंकरण प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
(३) द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे रचनाकारों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

विशेष-
1- ‘सृजन श्री अलंकरण’ प्राप्त रचनाकार पुनः इसी प्रतियोगिता में प्रतिभाग नहीं कर सकेगा।
2- प्रतियोगिता में किसी भी प्रकार का आयु बंधन नहीं है।
3- प्रतियोगिता में दिए गए विषय पर केवल गीत ही स्वीकार्य होगा।
4- एक रचनाकार द्वारा दिए गए विषय पर केवल एक ही गीत स्वीकार किया जाएगा।
……………………………………………… धन्यवाद।

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प्रेषक
प्रबंधक/सचिव
कृष्ण कुमार “कनक”
7017646795

सचिव
गौरव “गाफिल”
9084622239

प्रतियोगिता प्रभारी
प्रवीण कुमार पाण्डेय ‘प्रज्ञार्थू’
8218725186

प्रतियोगिता संयोजक
ऋतेश मुकेश “सुमन”
8273297695

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